भुगतान में चूक ग्राहक के दिवालियेपन और वित्तीय दायित्वों को पूरा करने में असमर्थता का संकेत देता है। यह तर्कसंगत है कि यदि उधारकर्ता वर्तमान ऋण भार का सामना नहीं कर सकता है, तो उस पर नए ऋण का भरोसा करना खतरनाक है। लेकिन आइए स्थिति को ग्राहक के दृष्टिकोण से देखें: क्या करें जब अब भुगतान करने के लिए पैसे नहीं हैं, और आप स्थिति को और खराब नहीं करना चाहते हैं? बैंकों से अंतहीन कॉलें, दरवाज़े पर रिकवरी एजेंट, अदालती कार्रवाई, ऋण वसूली का दबाव… किसे चाहिए ये सब? ईमेल, मैसेंजर या कॉल द्वारा हमसे संपर्क करें! ✔️